हिन्दी की प्रमुख कहानी एवं कहानीकार भाग-2 Leading story and writer of Hindi part-2
हिन्दी कहानी की विवेचना हम पूर्व भाग में कर चुके हैं। अतः इस भाग में हम हिन्दी के प्रमुख कहानीकारों व उनकी कृतियों की सूची मात्र दे रहे हैं। हिन्दी कहानी का पूर्व भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- हिन्दी कहानी भाग-1 ।
कहानीकार | प्रमुख कहानियां | विशेष /कहानिसंग्रह |
शिवप्रसाद सितारेहिंद | राजा भोज का सपना | |
किशोरीलाल गोस्वामी | इंदुमती | हिन्दी की प्रथम कहानी,1900 सरस्वती में प्रकाशित |
बंग महिला | दुलाईवाली | |
माधवराव स्प्रे | एक टोकरी भर मिट्टी | |
आचार्य रामचंद्र शुक्ल | ग्यारह वर्ष का समय | |
लाला भगवानदीन | प्लेग की चुड़ैल | |
विश्वम्भर नाथ शर्मा 'कौशिक' | रक्षाबंधन, ताई, विधवा, विद्रोही, पतित पावन | गल्प मंदिर, चित्रशाला, प्रेम प्रतिमा, मणिमाला, कल्लोल |
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' | उसने कहा था, बुद्धू का कांटा, सुखमय जीवन | |
प्रेमचन्द | सौत(1915), पंच परमेश्वर, बलिदान, विध्वंस, हार की जीत, बूढ़ी काकी, विचित्र होली, शतरंज के खिलाड़ी, पूस की रात, ठाकुर का कुआं, ईदगाह, नशा, बड़े भाई साहब, कफ़न | लगभग 300 कहानियां, मानसरोवर नाम से आठ खण्डों में संकलित, सौत हिन्दी में प्रेमचंद की पहली कहानी । |
जैनेन्द्र कुमार | जाह्नवी, पत्नी, हत्या, अपना-अपना भाग्य, एक दिन, ग्रामोफोन का रिकॉर्ड, तत्सत,ध्रुवयात्रा, विज्ञान | फाँसी(1929) प्रथम कहानि संग्रह, खेल (1928) प्रथम कहानी, मनोविश्लेषणवादी कथाकार। फांसी, वातायन, निलमदेश की राजकन्या, एक रात , दो चिड़िया, पाजेब, जयसन्धि । |
जयशंकर प्रसाद | मधुआ,ममता, चूड़ीवाला, गुंडा, देवदासी, देवरथ, बेड़ी, घीसू, छोटा जादूगर, व्रतभंग, आकाशदीप, पुरस्कार | ग्राम(1911) प्रथम कहानी इंदु में प्रकाशित, सालवती(1936) अंतिम कहानी। छाया, प्रतिध्वनि, आकााशादीप, आंंधी,इंंद्रजाल, |
पाण्डेय बेचन शर्मा'उग्र' | उसकी माँ, ऐसी होली खेलो लाल, चिंगारियां, शैतानमण्डली, दोजख, निर्लज्जा, चाकलेट | चिंगारियां, शैतानमण्डली, दोजख, निर्लज्जा, चाकलेट, इंद्रधनुष, बलात्कार |
विनोदशंकर व्यास | विधाता, कल्पनाओं का राजा, अपराध | हृदय की कसक(1927) प्रथम कहानी। तूलिका, नवपल्लव, भूलिबात, धूपदीप। |
चतुरसेन शास्त्री | अम्बपालिक, हल्दीघाटी, भिक्षुराज, बाण वधु, पनाधाय,रुठिरानी,सिंहगढ़ विजय | |
उपेन्द्रनाथ अश्क | डाची,पलंग, गोखरू, अंकुर, नासूर, पिंजरा, कांगड़ा का तेली | पिंजड़ा, अंकुर, निशानियां, दो धारा, छींटे, बैंगन का पौधा, आकाशचारी, काले साहब, जादुई शाम का गीत, पलँग, झेलम के सात पुल |
राधिका रमण प्रसाद सिंह | कानो में कंगना, घुघनी, दरिद्रनारायण | गाँधी टोपी |
राहुल सांकृत्यायन | सतमी के बच्चे | |
सुमित्रानन्दन पन्त | पानवाला | |
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | पद्मा, लिली,सुकुल की बीवी | |
पुदुमलाल पुन्नालाल बख्सी | झलमला, अंजलि, कनकरेखा | |
सुभद्राकुमारी चौहान | पापी पेट | बिखरे मोती, उन्मादिनी |
शिवरानी देवी | कौमुदी | |
ऊषा देवी मित्रा | पीउ कहा, मूर्त मृदंग, देवदासी, मन का मोह | |
सुमित्रा कुमारी | नारी का सपना , सफल नारीत्व, गृहलक्ष्मी, सुखिया | |
होमवती देवी | निसर्ग | |
भगवती प्रसाद वाजपेयी | मिठाईवाला, स्वपनमयी, शबनम, निंदिया लगी, वंशिवादन, झांकी, उपहार, हृदयगति, यमुना, | मधुपर्व, दीपमालिका, हिल्लोर, खाली बोतल, ज्वार भाटा, उतार चढ़ाव |
भगवती चरण वर्मा | प्रायश्चित, मुगलों ने सल्तनत बख्श दी, एक अनुभव, विवशता, वरना तुम भी आदमी थे काम के | दो बाँके, इंस्टालमेंट, राख और चिंगारी |
वृदांवन लाल वर्मा | शरणागत, कलाकार का दण्ड | |
यशपाल | मक्रील,धर्मरक्षा, कर्मफल, मनु की लगाम, ज्ञानदान, करवा का व्रत, प्रतिष्ठा का बोझ, परदा, दूसरी नाक, प्रेम का सार | पिंजरे की उड़ान, ज्ञानदान, अभिशप्त, वो दुनिया, धर्मयुद्ध, उत्तराधिकारी, उत्तमी की माँ, खच्चर ओर आदमी, भस्मावृत चिंगारी। |
इलाचंद्र जोशी | रोगी, परित्यक्ता, दुष्कर्मी, मिस्त्री, चौथे विवाह की पत्नी, प्रेतात्मा | धुपरेखा, दिवाली और होली, आहुति, खण्डहर की आत्माएं, रोमांटिक छाया |
शिवप्रसाद सिंह | नन्हों, दादी माँ | आरपार की माला, कर्मनाशा की हार, मुर्दासराय, अंधेरा हंसता है, भेड़िए |
शिवपूजन सहाय | शरणागत की रक्षा, कहानी का प्लाट | महिला महत्त्व, विभूति |
मनु भंडारी | क्षण, यही सच है, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, आँखों देखा झूठ, त्रिशंकु, तीसरा आदमी, कृषक | बन्द दराजों के साथ, त्रिशंकु, तीन निगाहों की एक तस्वीर |
रविन्द्र कलिया | कहानी अधूरी है, छायाबद्ध, तीसरी सांस, शिकस्त | |
रघुवीर सहाय | मेरे और नंगी औरतों के बीच, सेब, मुठभेड़, तीन मिनट | रास्ता इधर से है, जो आदमी हम बना रहे हैं। |
कृष्ण बलदेव वैद्य | एक कुतुबमीनार, छोटा सा , मेरा दुश्मन, भूत, इंकार, अगर मैं आज, जामुन की गुठली | |
शैलेश मटियानी | दो दुखों का सुख, हारा हुआ, तीसरा सुख, महाभोज, चील | |
फणीश्वरनाथ रेणु | रसप्रिया, पंच लाइट, तीसरी कसम, गुलफाम, पहलवान की ढोलक, संवदिया, | ठुमरी, आदिम रात्रि की महक, अग्निखोर, अच्छे आदमी, एक श्रावणी दोपहर की धूप |
निर्मल वर्मा | परिंदे, लन्दन की रात, कुत्ते की मौत | कव्वे और काला पानी, परिंदे, बीच बहस में, जलती झाड़ी, पीछली गर्मियों में |
धर्मवीर भारती | गुलकी बन्नो | मुर्दो का गांव, स्वर्ग और पृथ्वी, चांद और टूटे हुए लोग, बन्द गली का आखिरी मकान |
राजेन्द्र यादव | रोशनी कहाँ है, प्रतीक्षा, बिरादरी बाहर, एक कमजोर लड़की, लंच टाइम, भविष्यवक्ता | देवताओं की मूर्तियां, खेल खिलौने, जहाँ लक्ष्मी कैद है, अभिमन्यु की आत्महत्या, टूटना, अपने पार |
अमरकांत | हत्यारे, दोपहर का भोजन, जिंदगी और जोंक, लोक-परलोक | जिंदगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र मिलन, कुहासा |
मोहन राकेश | मलबे के मालिक, मिसपाल, सुहागने, ज़ख्म, अपरिचित, आर्द्रा, उलझे धागे, वासना की छाया में , सेफ्टी पिन | नए बादल, जानवर और जानवर, एक और जिंदगी, फोल्ड का आकाश, आज के साये, मिले-जुले चेहरे |
रांगेय राघव | गाजी, पिसनहारी, गूंगे, मृगतृष्णा, गदल, आजादी झूठी है, पंचपरमेश्वर, कठपुतले | सम्राज्य का वैभव, जीवन के दाने, अधूरी मूर्त, अंगारे न बुझे, इंसान पैदा हुआ |
महीप सिंह | उजाले के उल्लू, घिराव, दिल्ली कहां है ? , सहमे हुए, ऐसा ही | |
दूध नाथ सिंह | विजेता, कबन्ध, रीछ, सुखांत, प्रतिशोध | सपाट चेहरे वाला आदमी, पहला कदम, नमो अंधकार, धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे, तू फु, |
2 comments
Click here for commentsKahani kahanikaron ka rachna
ReplyAmar kant
Replyउत्साहवर्धन के लिये धन्यवाद!
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