हिन्दी व्याकरण - सर्वनाम Pronouns
वे शब्द जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं । जैसे - मैं , तुम , आप , यह , वह , क्या , कुछ , कौन आदि ।
सर्वनाम संज्ञा शब्द की बार-बार आवृत्ति से बचाते हैं । सर्वनामों के प्रयोग से भाषा की सुंदरता में वृद्धि होती है । साथ ही वाक्य सरल व संक्षिप्त भी होता है । यदि सर्वनामों का प्रयोग न करें तो हमें संज्ञा शब्दों का बार-बार प्रयोग करना पड़ेगा जिससे भाषा रूप अटपटा व दुरह हो जाएगा ।
सर्वनाम के उदाहरण –
राम अच्छा विद्यार्थी है । राम प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा है । राम के पिता किसान है । राम की माँ गृहिणी है । राम की बहिन भी अच्छी पढ़ रही है ।
इन वाक्यों में बार बार ‘राम’ संज्ञा का प्रयोग हुआ है जिससे भाषा का स्वरूप अटपटा हो गया है । वहीं अब यदि हम सर्वनामों का प्रयोग करते हुए वाक्य निर्माण करें तो भाषा सरल , संक्षिप्त व सुंदर हो जाती है –
राम एक अच्छा विद्यार्थी है । वह प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा है । उसके पिता किसान है । उसकी माँ गृहिणी है । उसकी बहिन भी अच्छी पढ़ रही है ।
हिन्दी में मूल सर्वनाम 11 हैं –
मैं , तू , आप , यह , वह , जो , सो , कोई , कौन , क्या ,कुछ ।
सर्वनाम के भेद
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छः भेद हैं –
- पुरुषवाची सर्वनाम – मैं , हम , तुम , तू , मैंने , आप , यह , वह ।
- निश्चयवाची सर्वनाम – यह (निकटवर्ती) , वह (दूरवर्ती) ।
- अनिश्चयवाची सर्वनाम – कोई (प्राणीवाचक) , कुछ (अप्राणिवचक) ।
- प्रश्नवाची सर्वनाम – कौन (प्राणीवाचक) , क्या (अप्राणिवचक) , कब (समय) , कहाँ (स्थान) , क्यों (कारण) , कितना (मात्रा) ।
- सम्बन्धवाची सर्वनाम – जो , सो , वह ।
- निजवाची सर्वनाम – आप , स्वयं , खुद ।
पुरुषवाची सर्वनाम
वक्ता , श्रोता या किसी अन्य व्यक्ति के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग किया जाता है उन्हें पुरुषवाची सर्वनाम कहते हैं । जैसे – मैं , हम , तू , तुम , आप , यह , वह आदि ।पुरुषवाची सर्वनाम के भेद
पुरुषवाची सर्वनाम के तीन भेद होते हैं –
- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों का प्रयोग वक्ता या लेखक स्वयं के लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष वाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे –मैं , मेरी , हम , हमारे , मुझको , हमने , मैंने आदि ।
वाक्य में प्रयोग –
मैं बीकानेर में रहता हूँ । यहाँ मेरी स्वयं की एक कम्पनी है । जिसमें हम व हमारे साथी शिक्षा के विकास के लिए कार्य करते हैं । मुझे अपने काम से प्यार है । हमने इस कम्पनी की शुरुआत दो वर्ष पूर्व की थी । मैंने अपना सम्पूर्ण जीवन इस कम्पनी व देश को सौंप दिया है ।मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों का प्रयोग वक्ता या लेखक श्रोता या पाठक के लिए करता है , उन्हें मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे – तू , तुम , आप , तुम्हारा , तुझको , आपने आदि ।वाक्य में प्रयोग –
तुम कल जयपुर गए थे ।आइये आप बैठिए ।
आपने कुछ खाया ।
तुम्हारा विद्यालय कौनसा है ।
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों का प्रयोग वक्ता या लेखक किसी अन्य के लिए करता है , उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे – यह , वह , वे , उसे , उसकी , उन्होंने , उसने , उन्हें , उनका आदि ।वाक्य में प्रयोग –
वे शर्मा जी हैं ।आज उसकी कार चोरी हो गयी ।
उन्हें करेला काफी पसंद है ।
यह उनकी पसंद का होटल है ।
माँ ! तू क्या कर रही है ?
ये भी देखें
निश्चयवाची सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी दूर या नजदीक स्थित व्यक्ति , वस्तु , प्राणी और घटना-व्यापार का निश्चित बोध होता है , उन्हें निश्चयवाची सर्वनाम कहते हैं । इसे संकेतवाचक या निर्देशक सर्वनाम भी कहते हैं । जैसे – यह , वह आदि।वाक्य में प्रयोग –
यह तो राम है । वह कोन है ?यह कलम कितनी सुन्दर है , वह पुस्तक भी ।
अनिश्चयवाची सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी वस्तु , व्यक्ति , स्थान या घटना का निश्चित ज्ञान नही होता है , उन्हें अनिश्चयवाची सर्वनाम कहते हैं । जैसे – कोई , कुछ , किसी आदि ।वाक्य में प्रयोग –
रास्ते में कुछ खा लेना ।हम किसी को क्या दे सकते हैं ।
दरवाजे पर कोई आया है ।
सम्बन्धवाची सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों से वाक्य में प्रयुक्त किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ सम्बन्ध का प्रकटीकरण हो , उन्हें सम्बन्धवाची सर्वनाम कहते हैं । जैसे – जो , सो , वह आदि ।मेरी वो पुस्तक नही मिल रही जो मैं जयपुर से लाया था ।
जैसी करनी वैसी भरनी ।
निजवाची सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला स्वयं के लिए करता है , उन्हें निजवाची सर्वनाम कहते हैं । जैसे –स्वयं , खुद , हम , हमारा , मैं आदि ।
वाक्य में प्रयोग –
मैं स्वयं कल आऊंगा ।
तुम खुद दिल्ली जाना ।
हम भारतीय हैं हमें इस पर गर्व होना चाहिए ।
प्रश्नवाची सर्वनाम
जिन सर्वनामों से किसी व्यक्ति , वस्तु , प्राणी व घटना आदि के सम्बंध में प्रश्न का बोध हो , उन्हें प्रश्नवाची सर्वनाम कहते हैं । जैसे - कौन , किसे , किसने , क्या , कब आदि ।वाक्य में प्रयोग –
कौन आया है ?
तुम कब जाओगे ?
क्या आप बीमार हैं ?
विशेष –
सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है । अतः किसी भी सर्वनाम शब्द का लिंग और वचन संज्ञा के अनुरूप ही रहेगा ।जैसे – सीता और उसकी माँ आयी थी ।
आदर के अर्थ में एक व्यक्ति के लिए भी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम का बहुवचन में प्रयोग होता है ।
जैसे – कालिदास महान कवि थे , उन्होंने महान रचनाएं सृजित की ।
उत्तम पुरुष व मध्यम पुरुष के बहुवचन का प्रयोग एक वचन के लिए भी होता है ।
जैसे - हम आ रहे हैं ।
आप अवश्य आना ।
मुझ , तुझ , तुम , उस , इन आदि सर्वनामों में निश्चयार्थ के लिए ‘ई’ जोड़ते हैं । जैसे – तुम = तुम्ही , उस = उसी आदि ।
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