वाक्य – शुद्धि Sentence precision
हमारे बोलते व लिखते समय शब्द शुद्धि के साथ वाक्य शुद्धि का भी भाषा में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है । वाक्य में अनावश्यक शब्द प्रयोग से , अनुपयुक्त शब्द के प्रयुक्त होने से , सही क्रम या अन्विति न होने से , लिंग , वचन , कारक का सही प्रयोग नहीं होने से , सही सर्वनाम एवं क्रिया का प्रयोग न होने से वाक्य अशुद्ध हो जाता है । जो अर्थ के साथ भाषा सौन्दर्य को हानि पहुंचाता है । अतः हमारी भाषा शुद्ध हो इस हेतु हमें कुछ वैयाकरणिक नियमों की जानकारी होना आवश्यक है ।
वाक्य-शुद्धि हेतु नियम
अनावश्यक शब्द के कारण वाक्य अशुद्धि
समान अर्थ वाले दो शब्दों या विपरीत अर्थ वाले शब्दों के एक साथ प्रयोग होने तथा एक ही शब्द की पुनरावृत्ति पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है । अतः किसी एक अनावश्यक शब्द को हटाकर वाक्य शुद्ध बनाया जा सकता है । इनमें दोनों शब्दों में से किसी एक को हटाना होता है । अतः दोनों रूपों में वाक्य सही हो सकता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- मैं प्रातः काल के समय पढ़ता हूँ । मैं प्रातः काल पढ़ता हूँ ।
- जज ने उसे मृत्यु दण्ड की सजा दी । जज ने उसे मृत्यु दण्ड दिया ।
- इसके बाद फिर क्या हुआ ? इसके बाद क्या हुआ ?
- यह कैसे सम्भव हो सकता है ? यह कैसे संभव है ?
- तुम वापस लौट जाओ । तुम वापस जाओ ।
अनुपयुक्त शब्द के कारण
वाक्य में अनुपयुक्त शब्द प्रयुक्त हो जाने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है अतः अनुपयुक्त शब्द हटाकर उस स्थान पर उपयुक्त शब्द का प्रयोग करना चाहिए ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- सीता राम की स्त्री थी । सीता राम की पत्नी थी ।
- कोहिनूर एक अमूल्य हीरा है । कोहिनूर एक बहुमूल्य हीरा है ।
- बन्दूक एक शस्त्र है । बन्दूक एक अस्त्र है ।
- आकाश में तारे चमक रहे हैं । आकाश में तारे टिमटिमा रहे हैं ।
- आकाश में झण्डा लहरा रहा है । आकाश में झण्डा फहरा रहा हैं ।
लिंग सम्बन्धी
वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अनुसार उचित लिंग का प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- मेरे मित्र की पत्नी विद्वान है । मेरे मित्र की पत्नी विदुषी है ।
- मीरां एक प्रसिद्ध कवि थी । मीरां एक प्रसिद्ध कवयित्री है ।
- सत्य बोलना उसकी आदत था । सत्य बोलना उसकी आदत थी ।
- बुआजी आप क्या कर रहे हैं ? बुआजी आप क्या कर रही हैं ?
- आत्मा अमर होता है । आत्मा अमर होती है ।
वचन सम्बन्धी
हिन्दी में कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होते हैं अतः उनका उचित बोध न होने पर तथा कर्ता एवं कर्म के वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त न होने पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- वृक्षों पर कौवा बोल रहा है । वृक्ष पर कौवा बोल रहा है ।
- यह मेरा ही हस्ताक्षर है । ये मेरे ही हस्ताक्षर हैं ।
- आज आपका दर्शन हो गया । आज आपके दर्शन हो गये ।
- अभी तीन बजा है । अभी तीन बजे हैं ।
- यह दस रुपया का नोट है । यह दस रुपये का नोट है ।
संज्ञा <> सर्वनाम <> विशेषण <> क्रिया <> क्रिया-विशेषण <> समुच्चयबोधक <> सम्बन्धबोधक , विस्मयादिबोधक , निपात <> वचन <> काल <> पुरुष <> वाच्य <> लिंग <> उपसर्ग <> प्रत्यय <> शब्द-विचार <> कारक <> सन्धि <> समास <> पर्यायवाची शब्द <> विलोम शब्द <> वाक्यांश के लिए एक शब्द one word <> एकार्थी प्रतीत होने वाले भिन्नार्थक शब्द <> शब्द-युग्म : समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द <> वाक्य - विचार vaaky-vichaar भाग-1 <> वाक्य - विचार vaaky-vichaar भाग-2
क्रमभंग सम्बन्धी
वाक्य रचना के आधार पर शब्द के उचित स्थान पर प्रयुक्त न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- अधिकतर हिन्दी के लेखक निर्धन हैं । हिन्दी के अधिकतर लेखक निर्धन हैं ।
- यहाँ पर शुद्ध गाय का घी मिलता है । यहाँ पर गाय का शुद्ध घी मिलता है ।
- शीतल गन्ने का रस पीजिए । गन्ने का शीतल रस पीजिए ।
- हनुमान पक्के राम के भक्त थे । हनुमान राम के पक्के भक्त थे
- एक खाने की थाली लगाओ । खाने की एक थाली लगाओ ।
कारक सम्बन्धी
वाक्य में प्रयुक्त कारक के अनुसार उचित विभक्ति न लगने से , अनावश्यक विभक्ति लगने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- पाँच बजने को दस मिनट है । पाँच बजने में दस मिनट हैं ।
- उसके सिर में घने बाल है । उसके सिर पर घने बाल हैं ।
- अपने बच्चे चरित्रवान् बनाओ । अपने बच्चों को चरित्रवान् बनाओ ।
- दवा रोग को समूल से नष्ट करती है । दवा रोग को समूल नष्ट करती है ।
- मेरी राय से आप चले जाइए । मेरी राय में आप चले जाइए ।
सर्वनाम से सम्बंधित अशुद्धि
सर्वनाम के सही रूप में प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- मैंने आज बीकानेर जाना है । मुझे आज बीकानेर जाना है ।
- तुम तुम्हारा काम करो । तुम अपना काम करो ।
- मेरे को सौ रुपये की आवश्यकता हैं । मुझे सौ रुपये की आवश्यकता है ।
- राम थककर उसके घर में सो गया । राम थककर अपने घर में सो गया ।
- यह काम तेरे से नहीं होगा । यह काम तुझसे नहीं होगा ।
क्रिया सम्बन्धी
सही क्रिया रूप प्रयुक्त न होने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- मैंने तुम्हारी बहुत प्रतीक्षा देखीं । मैंने तुम्हारी बहुत प्रतीक्षा की ।
- यह आप पर निर्भर करता है । यह आप पर निर्भर है ।
- सर्वत्र आधुनिकीकरण करना ठीक नहीं । सर्वत्र आधुनिकीकरण ठीक नहीं ।
- राम ने गुरूजी से प्रश्न पूछा । 4 . राम ने गुरुजी से प्रश्न किया ।
- आप आम खाके देखो । आप आम खाकर देखें ।
मुहावरे के कारण
मुहावरे का सही प्रयोग न होने या उसमें पाठान्तर होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- पानी पीकर नाम पूछना निरर्थक हैं । पानी पीकर जात पूछना निरर्थक है ।
- प्रेम करना तलवार की नोंक पर चलना है । प्रेम करना तलवार की धार पर चलना है ।
- दुश्मनों ने हथियार रख दिये । दुश्मनों ने हथियार डाल दिये ।
- आजकल भ्रष्टाचार के बाजार गर्म हैं । आजकल भ्रष्टाचार का बाजार गर्म है ।
- कुसंगति से उस के तन पर कालिख पुत गई । कुसंगति से उसके मुख पर कालिख पुत गई ।
संयोजक शब्द सम्बन्धी
सही संयोजक शब्द नहीं लगाने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है ।
जैसे
अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
- यदि वह रुपया माँगता , तब मैं अवश्य देता । यदि वह रुपया माँगता तो मैं अवश्य देता ।
- जैसा लिखो , जैसा मोहन ने लिखा । ऐसा लिखो , जैसा मोहन ने लिखा ।
- जैसा बोओगे , उसी प्रकार काटोगें । जैसा बोओगे , वैसा काटोगे ।
- ज्यों ही मैं पहुँचा , वह उठ गया । ज्यों ही मैं पहुँचा , त्यों ही वह उठ गया ।
- यह काम करो नहीं तो अपने घर जाओ । यह काम करो या अपने घर जाओ ।
उत्साहवर्धन के लिये धन्यवाद!
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