शब्द-युग्म : समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द ( shabd-yugm )

शब्द-युग्म : समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द 
( shabd-yugm )

शब्द-युग्म

प्रत्येक भाषा में कुछ शब्द उच्चारण व लेखन में समानता लिए होते हैं । किंतु थोड़ी सी भिन्नता से उनके अर्थ अलग-अलग हो जाते हैं इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग में यदि सतर्कता नही दिखाई जाए तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है । अतः भाषा की शुद्धता की दृष्टि से इस प्रकार के शब्दों की जानकारी आवश्यक है । हम यहाँ ऐसे ही कुछ शब्दों की सारणी दे रहें हैं । हमें विश्वास है ये उपयोगी सिद्ध होगी ।

शब्द-युग्म : समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द सारणी


  शब्द   

     अर्थ 

अकथ
अथक 
कुछ कहा न जा सके
 जो थके नहीं 
 अघ
अग 
पाप
सर्प / पर्वत
अकुल 
आकुल 
बिना कुल के
व्याकुल
अकूत 
आकूत
बिना अंदाज
अभिप्राय
अगम 
आगम 
जहाँ जाना संभव नहीं
शास्त्र / आना
अर्जन 
अर्चन 
संग्रह
पूजा
 अजिर   
अचिर
आँगन
शीघ्र/नवीन
 अनिष्ठ 
अनिष्ट 
निष्ठाहीन
बुरा 
अतुल 
अतल 
तुलना न हो 
गहरा
आद्य 
अद्य
पहला
आज
अतीव 
अतीत 
बहुत ज्यादा
बीता हुआ
अनिल 
अनल
हवा
आग
अनुज 
अनुग 
छोटा भाई
अनुयायी
अन्तरदेशीय 
अंतर्देशीय 
देशों के बीच
देश के भीतर
अभिज्ञ 
अनभिज्ञ
जानकार
अनजान
अणु
अनु 
कण
पिछे
उपकार 
अपकार 
भलाई
बुुुराई
अभिनव 
अभिनय 
नया
नाटक
उपमान 
अपमान 
  जिससे उपमा दी जाय  
निरादर
अविराम 
अभिराम 
लगातार
सुुुन्दर
अविज्ञ 
अभिज्ञ 
मूर्ख
जानकार
 उपेक्षा 
अपेक्षा
अवहेलना
आशा/तुलना
अंब
अंबु
माता
जल
अक्षि
अक्षी
आंख
आंखवाली
अनाचार
अत्याचार
गलत आचरण
अति बुरा आचरण
अमित
अमीत
बहुत
शत्रु
अंस
अंश
कन्धा
भाग
अवलम्ब
अविलम्ब
सहारा
बिना देेरी
अली/आली
अलि/आलि
सखी
भौंरा
आरती
आरति
पूजा के लिए दीपक
विराम
आसन
असन
बैठने का स्थान
भोजन
इति
ईति
समाप्ति
बाधा
उद्यत
उद्धत
तैयार
अक्खड़
ओर
और
तरफ
तथा
कुल
कूल
वंश
किनारा
कृति
कृती
रचना
चतुुुर
कपीश
कपिश
हनुमान
भूरा/बादामी
कलश
कुलिश
घड़ा
वज्र
गण
गण्य
समूह
गणना योग्य
चर्म
चरम
खाल
अंतिम
जगत
जगत्
कुएं का चबूतरा
संसार
तरणि
तरणी
तरुणी
सूर्य
नाव
युवती
तनु
तनू
पतला
पुत्र
दस
दंश
दंस
दस की संख्या
डंक
चुभन
पतन
पत्तन
गिरावट
नगर
प्रसाद
प्रासाद
कृपा
महल
भवन
भुवन
मकान
संसार
भीति
भित्ति
डर
दीवार
मोर
मौर
पक्षी विशेष
मुुुकुट
लग्न
लगन
मुहूर्त
उत्साह
वरण
वारण
चुनाव
न्यौछावर करना
  शकल (संस्कृत )  
शकल (अरबी )
सकल
चमड़ा/टुकड़ा
शक्ल
समस्त
शुचि
सूची
पवित्र
नामाावली
षष्टी
षष्ठी
60 वर्ष
छठी
सम्प्रति
सम्प्राप्ति
अब
प्राप्त
सुधि
सुधी
सुध
याद
बुद्धिमान
चेतना
सम
शम
बराबर
शान्ति
स्रोत
श्रोत
स्तोत्र
उद्गम
कान
स्तुति
हाल
हाला
दशा
शराब
हंस
हँस
एक पक्षी
हँसना
हित
हितु
हेतु
हत
भला
लाभ देनेवाला
कारण
मरा हुआ


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